पिंडदान पंडित - श्रद्धा और सेवा के प्रणेता Pinddaan Pandit - Pioneer of faith and service
"पिंडदान पंडित" श्रद्धालुओं को गया जैसे पवित्र स्थल पर उनके पूर्वजों के आत्मा के लिए पिंडदान
सम्पन्न करने में सहायता प्रदान करते हैं। ये पंडित धार्मिक सेवाओं में अपना जीवन समर्पित कर श्रद्धालुओं
को इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए दिशानिर्देश और समर्थन प्रदान करते हैं।
पिंड दान तथा श्राद्ध आदि के लिये तीर्थो में गया धाम का विशेष महत्व है। गया की प्रसिद्ध पितृ तीर्थ के रूप में
सर्व विश्रुत है। श्रद्धालुजन अन्य तीर्थो की यात्रा स्नान दान, देव दर्शन, पुण्यार्जन आदि की दृश्टि से भी करते हैं,
किंतु गया जी में तो विशेष रूप से श्राद्ध आदि कर्म संपन्न करने के लिये ही प्रायः यात्री जाते हैं। शास्त्रों ने यह
बताया है कि यहाँ पितृ नित्य निवास करते हैं और यह तीर्थ पितरों को अत्यंत प्रिय है।
“Pinddaan Pandit” helps the devotees in performing Pind Daan for the souls of
their ancestors at holy places like Gaya. These Pandits devote their lives to
religious services and provide guidance and support to the devotees for this
important task.
Gaya Dham has special importance among pilgrimages for Pind Daan and Shraddha etc.
Gaya is famous as the famous ancestral place of pilgrimage. Devotees also travel
to other places of pilgrimage for the purpose of bathing, charity, darshan of God,
earning merit etc., but most of the pilgrims go to Gaya ji especially to perform
Shraddha etc. The scriptures have said that the ancestors reside here daily and
this pilgrimage is very dear to the ancestors.
पितृ ऋण का पुर्जा Ancestral Respect and Tradition
पिंडदान करने से पितृ ऋण की मान्यता समाप्त होती है। हिन्दू धर्म में माना जाता है कि हमारे पूर्वजों और उनके साथ किए गए कर्मों का हमारे ऊपर एक ऋण होता है। पिंडदान करके, हम उन्हें उनके कर्मों के लिए स्वीकृति देते हैं और उन्हें शांति प्रदान करते हैं। "Pind Daan" is deeply rooted in the tradition and respect for ancestors. It is believed to provide peace to the departed souls and ensure their smooth transition to the afterlife.
पितृ पूजन की महत्वता Spiritual Cleansing
पिंडदान के माध्यम से हम पितृ पूजन करते हैं जो हमारे संस्कारिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें उन आत्माओं का सम्मान करने का अवसर देता है जो हमारे लिए महत्वपूर्ण थे और हमें उनकी आशीर्वाद प्राप्त होती है। Performing "Pind Daan" is seen as a way to cleanse the soul of both the deceased and the living. It is believed to free the departed souls from any lingering attachments to the material world.
अन्तिम संस्कार का महत्व Karmic Relief
पिंडदान अंतिम संस्कार का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमारे पूर्वजों के शरीर के आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति की कामना के साथ याद किया जाता है। यह एक संस्कृति और परंपरागत कार्यक्रम है जिसमें उन्हें उच्चतम स्तर की प्राप्ति के लिए शुभकामनाएं दी जाती हैं। It is thought that by offering "Pind" (rice balls) to ancestors, individuals can seek forgiveness for any past wrongdoings and relieve themselves of any burden caused by ancestral debts.
आत्मिक शुद्धि और आत्मा की स्वीकृति Continuation of Family Lineage
पिंडदान करने से हम अपने आत्मिक शुद्धि की ओर कदम बढ़ाते हैं। यह हमें अपने अंतरंग दोषों को समझने और सुधारने का अवसर देता है। साथ ही, यह भी हमें आत्मा की स्वीकृति का अनुभव कराता है जिससे हमारी आत्मा को शांति और सुख की प्राप्ति होती है। "Pind Daan" is also seen as a way to honor and continue the family lineage. It is believed that by fulfilling this duty, the family ensures the well-being and prosperity of future generations.
गयाजी मे होने वाले श्राद्ध Shraaddh in Gaya
गया की फल्गु नदी में स्नान और तर्पण करने से पितरों को देव योनि प्राप्त होती है। हिंदू समाज का दृढ़ विश्वास है कि गया में श्राद्ध पिंडदान करने से उनकी सात पीढ़ियों के पितरों को मुक्ति मिल जाती है। कहा जाता है कि गया में यज्ञ, श्राद्ध, तर्पण और पिंड दान करने से मनुष्य को स्वर्गलोक एवं ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है। By taking bath and offering prayers in the Falgu river of Gaya, the ancestors attain the divine status. Hindu society strongly believes that by performing Shraddha Pind Daan in Gaya, their ancestors of seven generations get salvation. It is said that by performing Yagya, Shraddha, Tarpan and Pind Daan in Gaya, a person attains heaven and Brahmalok.
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वायु पुराण आदि कई पुराणों में आया है कि किसी प्रेत ने एक वैश्य से कहा कि 'आप मेरे नाम से गयाशिर में पिंडदान कर दे, इससे हमारी प्रेत योनि से मुक्ति हो जायेगी। मेरा संपूर्ण धन आप ले लें और उसे लेकर मेरे उद्देश्य से गया श्राद्ध कर दें। इसके बदले में मैं अपनी संपत्ति का छठा अंश आपको पारिश्रमिक के रूपमें दे रहा हुँ। मैें अपना नाम गोत्र आदि भी बता रहा हूँ। प्रेत के अनुरोध पर उस वनिक्ने गया की यात्रा की और गयासिर में जाकर उस प्रेत के निमित्त पिंड प्रदान किया और उसके बाद अपने पितरों का भी पिंड दान किया। पिण्डदान के प्रभाव से वह प्रेत, प्रेत योनि से मुक्त हो गया। It has been mentioned in many Puranas like Vayu Purana etc. that a ghost said to a Vaishya that 'You offer Pind Daan in Gayashir in my name, this will free us from the ghostly form. You take all my money and perform Gaya Shraddha with it for my purpose. In return, I am giving you one-sixth of my property as remuneration. I am also telling my name, Gotra etc. On the request of the ghost, that forest dweller traveled to Gaya and went to Gayasir and donated the pinda for the ghost and after that he also donated the pinda of his ancestors. Due to the effect of Pind Daan, he became free from the ghostly form.
प्रतिक्रियाएँ Testimonials
Rajesh Kumar राजेश कुमार
पिंडदान पंडित ने मेरे पितृगण की शांति के लिए एक सुन्दर पितृ पूजा आयोजित की। उनकी धार्मिक ज्ञान ने हमें बहुत प्रेरित किया। Pind Daan Pandit organized a beautiful 'Pitr Pooja' for the peace of my ancestors. Their religious knowledge truly inspired us.
Seema Gopal सिमा गोपाल
मैंने पिंडदान पंडित से अपने पितृगण की शांति के लिए पूजा करवाई और मुझे उनकी सेवाएं बहुत पसंद आई। उनका शांतिपूर्ण वातावरण हमारी आत्मा को संतुष्ट कर गया। I had a 'Pitr Pooja' done by Pind Daan Pandit for my ancestors, and I really liked their services. The peaceful atmosphere they created satisfied our souls.
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